जमीन की रजिस्ट्री से जुड़ी खबरें हमेशा आम लोगों के लिए बेहद अहम मानी जाती हैं, क्योंकि यह उनकी संपत्ति से सीधा जुड़ा मामला होता है। हाल ही में सरकार ने एक ऐसा नया नियम लागू किया है, जिसके बाद जमीन रजिस्ट्री कराना अब पहले के मुकाबले बेहद सस्ता और आसान हो गया है। पहले रजिस्ट्री शुल्क और अन्य चार्ज अधिक होने के कारण ग्रामीण और मध्यम वर्ग को परेशानी उठानी पड़ती थी, लेकिन अब यह बदलाव उनकी समस्या का हल लेकर आया है।
सरकार का मानना है कि जमीन रजिस्ट्री की प्रक्रिया को सुलभ बनाने से न केवल कालेधन पर रोक लगेगी, बल्कि हर नागरिक अपनी संपत्ति को सुरक्षित रूप से दर्ज करा सकेगा। इस नए नियम का सबसे बड़ा फायदा उन परिवारों को मिलेगा, जो छोटे भूखंड या कृषि भूमि की खरीद-फरोख्त करते हैं।
इस बदलाव के बाद हर राज्य सरकार को यह सुविधा सुनिश्चित करनी होगी कि आम जनता बिना किसी अतिरिक्त खर्च के आसानी से अपनी जमीन की रजिस्ट्री करा सके। आइए जानते हैं कि यह नियम क्या है और किस तरह इसका लाभ आम लोगों को मिलेगा।
Land Registry New Rule 2025
सरकार ने एक विशेष योजना के तहत नया नियम लागू किया है, जिसके अनुसार अब जमीन की रजिस्ट्री मात्र ₹100 शुल्क में होगी। पहले जमीन की रजिस्ट्री पर स्टांप ड्यूटी और अन्य चार्ज मिलाकर हजारों रुपये तक का खर्च आता था, जिसकी वजह से गरीब और मजदूर वर्ग को रजिस्ट्री करवाने में मुश्किल आती थी।
इस कदम का उद्देश्य लोगों को उनकी जमीन का कानूनी मालिकाना हक दिलाना है। अब कोई भी व्यक्ति या परिवार अगर अपने नाम से जमीन की रजिस्ट्री कराना चाहता है, तो केवल ₹100 की रियायती दर पर यह काम पूरा हो जाएगा। यह नियम विशेष रूप से ग्रामीण परिवारों और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को सुविधाजनक बनाने के लिए लागू किया गया है।
किस योजना के तहत मिल रही है यह सुविधा
यह नया नियम सरकार की “सस्ती रजिस्ट्री योजना” (Affordable Registry Scheme) के अंतर्गत लागू किया गया है। इस योजना का मकसद देशभर में रहने वाले उन लोगों को सशक्त बनाना है, जिनके पास जमीन का मालिकाना हक तो है, लेकिन वे उसकी ऑफिशियल रजिस्ट्री नहीं करा पाए हैं।
कई ग्रामीणों के पास विरासत में मिली भूमि है या उन्होंने छोटे भूखंड खरीदे हैं, परंतु रजिस्ट्री कराने में आने वाले अधिक शुल्क और जटिल प्रक्रियाओं के कारण वह अब तक अटकी हुई थी। इस लिए इस योजना के जरिए हर जमीन मालिक को केवल ₹100 में अपनी संपत्ति को सुरक्षित और आधिकारिक रूप से दर्ज कराने का अवसर दिया जा रहा है। सरकार चाहती है कि देश में कोई भी परिवार बिना रजिस्ट्री वाली जमीन का मालिक न रहे।
आवेदन और प्रक्रिया कैसे होगी
अगर कोई व्यक्ति इस योजना के तहत जमीन की रजिस्ट्री कराना चाहता है, तो उसे सामान्य प्रक्रिया अपनानी होगी।
- संबंधित तहसील या उप-पंजीकरण कार्यालय में आवेदन करना होगा।
- जमीन से जुड़े सभी मूल दस्तावेज जैसे खसरा-खतौनी, जमीन खरीदने का एग्रीमेंट, पहचान पत्र (आधार, वोटर आईडी) आदि प्रस्तुत करने होंगे।
- रजिस्ट्री शुल्क मात्र ₹100 जमा करना होगा।
- अधिकारी दस्तावेज सत्यापित करने के बाद जमीन की रजिस्ट्री आधिकारिक रूप से दर्ज करेंगे।
पूरी प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाया गया है ताकि किसी भी व्यक्ति को रिश्वतखोरी या अतिरिक्त खर्च का सामना न करना पड़े।
किसे मिलेगा लाभ
इस योजना से लाखों ग्रामीण और निम्न आय वर्ग के परिवारों को सीधा फायदा पहुंचेगा। खासतौर पर किसान और मजदूर वर्ग, जिनके पास छोटे-छोटे भूखंड हैं, उनके लिए यह राहत भरी खबर है।
पहले आमदनी कम होने के कारण जमीन कानूनी रूप से दर्ज नहीं हो पाती थी, जिससे विवाद की स्थिति बनती थी। अब यह सुविधा सभी के लिए उपलब्ध होने से हर नागरिक अपनी जमीन को कानूनी सुरक्षा दिला पाएगा।
सरकार का उद्देश्य
सरकार का मुख्य लक्ष्य है कि हर नागरिक की अपनी संपत्ति का आधिकारिक रिकॉर्ड बने और कोई भी जमीन विवादित स्थिति में न रहे। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में पारिवारिक झगड़ों में कमी आएगी और किसानों को बैंक से लोन लेने में भी आसानी होगी, क्योंकि रजिस्ट्री दस्तावेज बैंक को गिरवी रखने के लिए जरूरी होते हैं।
इसके अलावा, रजिस्ट्री प्रक्रिया आसान होने से रियल एस्टेट सेक्टर में पारदर्शिता आएगी और अवैध लेन-देन रुकेंगे।
निष्कर्ष
जमीन रजिस्ट्री का नया नियम आम लोगों के लिए बहुत बड़ी राहत है। अब सिर्फ ₹100 में हर व्यक्ति अपनी जमीन की ऑफिशियल रजिस्ट्री करा सकता है। यह कदम न केवल आर्थिक बोझ घटाता है बल्कि लोगों को उनकी जमीन पर कानूनी अधिकार भी सुनिश्चित करता है।