Jamalpur Rail Factory 2025: 163 साल की विरासत और 49 नए टैंक वैगन

जमालपुर रेल कारखाना ने एक बार फिर देश के लिए गर्व का क्षण बनाया है। मुंगेर जिले में स्थित इस ऐतिहासिक रेल कारखाने ने देश का पहला अत्याधुनिक बीटीपीएन टैंक वैगन एम-1 तैयार किया है। यह वैगन अपनी विशेषता और तकनीकी उन्नतता के कारण बेहद महत्वपूर्ण है। इस उपलब्धि ने जमालपुर रेल कारखाने को भारतीय रेल नेटवर्क में एक नई पहचान दिलाई है। हाल ही में इस कारखाने से 49 ऐसे टैंक वैगन रेलवे बोर्ड की स्वीकृति और हरी झंडी के साथ रवाना किए गए, जो न केवल देश के आधुनिकतम हैं बल्कि पूरी प्रणाली में एक नया मानक स्थापित करते हैं।

जमालपुर रेल कारखाना भारत का सबसे पुराना और एशिया का पहला रेल इंजन कारखाना है। इसकी स्थापना 8 फरवरी 1862 को हुई थी। इस कारखाने ने भारतीय रेलवे की सेवा में सदैव नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। आज यह कारखाना न केवल रेल इंजन के मरम्मत और निर्माण में अग्रणी है, बल्कि आधुनिक तकनीकों के साथ विभिन्न प्रकार के टैंक और वैगन का निर्माण भी करता है। इस कारखाने की कारीगरी और कौशल देश के विभिन्न रेल कारखानों के लिए प्रेरणा स्रोत हैं।

Jamalpur Rail Factory 2025

बीटीपीएन का मतलब है “बोगी टैंक वैगन पेट्रोल नेफ्था,” जो डीजल, पेट्रोल, या नेफ्था जैसे ईंधन और तरल पदार्थों के परिवहन के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इस बार जमालपुर कारखाने की टीम ने जो टैंक वैगन एम-1 बनाया है, वह अब तक का सबसे आधुनिक और उच्च गति वाला मॉडल माना जाता है।

इस टैंक वैगन की क्षमता लगभग 70 हजार लीटर है, और इसका वजन 68 टन तक है। इस नए एम-1 टैंक वैगन को बनाने में एक वैगन की लागत लगभग 60 लाख रुपये आई है। कुल मिलाकर 49 ऐसे टैंकों का निर्माण हुआ है, जिनके निर्माण पर कुल लगभग 29.4 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं।

जमालपुर कारखाने के मुख्य प्रबंधक विनय प्रसाद वर्णवाल की टीम ने निर्धारित समय से पहले ही इस अत्याधुनिक एम-1 वैगन का निर्माण पूरा कर रेलवे को सौंप कर नया रिकॉर्ड बनाया है। इसे उच्च गति (हाई स्पीड) का टैंक वैगन माना जाता है, जो भारतीय रेल की आधुनिक आवश्यकताओं को पूरा करता है।

इस टैंक वैगन को रेलवे बोर्ड के एमटीआरएस बीएम अग्रवाल ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से हरी झंडी दिखाई, जो इस उपलब्धि की सरकार और रेलवे प्रशासन की सराहना दर्शाता है। इस मौके पर पूर्व रेलवे महाप्रबंधक और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी जुड़े थे।

ऐतिहासिक और तकनीकी महत्व

जमालपुर रेल कारखाना केवल आधुनिक उत्पादन केंद्र ही नहीं है, बल्कि इसका इतिहास भी बेहद समृद्ध और गौरवपूर्ण है। यह एशिया का पहला रेल इंजन कारखाना है, जिसने 163 वर्षों से भारतीय रेलवे को सेवा दी है। पहले यहां भाप इंजन और डीजल इंजन का निर्माण होता था। इसके अलावा, द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान यहां गोला-बारूद भी बनाए गए थे।

इस कारखाने ने देश की पहली स्वदेशी रेलवे क्रेन का भी निर्माण किया, जो अत्यंत भारी भार उठाने में सक्षम है। जमालपुर कारखाने की वह 140 टन भार उठा सकने वाली क्रेन देश में एक मात्र है और जल्द ही 175 टन वजन उठाने वाली क्रेन बनाने की प्रक्रिया जारी है।

जमालपुर कारखाना वैगन मरम्मत में देश के शीर्ष पर है। यहां प्रति माह लगभग 620-650 वैगनों की मरम्मत होती है, जो आने वाले समय में बढ़कर 800 तक पहुंचने की संभावना है। भारतीय रेलवे ने इस कारखाने को अपनी रीढ़ माना है, जिसने लगातार तकनीकी उन्नति और सुधार के साथ रिकॉर्ड तोड़े हैं।

सरकार और रेलवे की भूमिका

भारी तकनीकी और वित्तीय निवेश के तहत जमालपुर रेल कारखाने को आधुनिक तकनीकी उपकरणों से लैस किया जा रहा है। रेलवे बोर्ड ने इस परियोजना के लिए भारी फंडिंग और समर्थन दिया है। सिर्फ टैंक वैगन निर्माण ही नहीं बल्कि व्यापक मरम्मत और निर्माण के लिए कारखाने का कार्यभार बढ़ाया जा रहा है।

नवंबर 2025 से जमालपुर कारखाने में प्रतिमाह 800 वैगनों की मरम्मत संभव हो सकेगी। इसके लिए रेलवे ने पहले चरण में 80 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। इससे पूरे पूर्वी रेलवे क्षेत्र में मालगाड़ियों की कुशल सेवा सुनिश्चित होगी।

यहां निर्मित बीटीपीएन टैंक वैगन से ईंधन के सुरक्षित और तेज़ परिवहन में मदद मिलेगी। यह वैगन देश के पेट्रोलियम पदार्थों के ट्रांसपोर्टेशन में सुरक्षा और गति दोनों को बढ़ावा देगा। सरकार की यह पहल रेलवे यांत्रिकी उद्योग को आत्मनिर्भर बनाने और आधुनिकदृष्टि प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

निष्कर्ष

जमालपुर रेल कारखाने द्वारा निर्मित देश का पहला अत्याधुनिक बीटीपीएन टैंक वैगन एम-1 भारतीय रेलवे की तकनीकी प्रगति का प्रतीक है। यह उपलब्धि न केवल जमालपुर कारखाने के कर्मियों की कड़ी मेहनत और दक्षता को दर्शाती है, बल्कि देश की रेलवे उद्योग को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम भी साबित होती है। आने वाले समय में यह कारखाना भारतीय रेलवे की प्रगति में अहम भूमिका निभाता रहेगा।

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